पंछी(Birds)
प्रकृति की एक खूबसूरत देन पंछी,
लाल सूरज के साथ सुबह का आगाज पंछी,
पंछियों की चहचाहट हमेशा नई रही,
वृक्षों की शोभा पंछियों के कारण हरी,
धरती का कृत्य हमेशा समर्पित रहा,
लेकिन इंसान उसको गंदा करता रहा,
आज ईश्वर भी इंसान बना दुखी होगा,
क्योंकि इंसान इंसान से सुखी न होगा,
लेकिन प्रकृति का अपना बैलेंस रहा,
सदा सबको कुछ न कुछ देता ही रहा,
फिर भी इंसान कों कमी ही रही,
पंछियों व जानवरों के घरों की कमी कर दी,
ए इंसान तू कृत्रिम सुख की दौड़ में,
क्यों अपनी ही दुनिया उजाड़ रहा धौंस में,
आज अच्छे नेटवर्क की खोज में,
क्यों उजाड़ रहा पंछी के घर होश में,
आज सम्भलो नहीं कल नहीं सम्भलेगा,
पीढ़ीयों ने पंछी बहुत देखे पर भविष्य नहीं देखेगा.
धन्यवाद.
(WRITTEN BY ALOK DAKSH)
can also see..................
https://www.blogger.com/blog/post/edit/3529210830536827925/6860964869183571412?hl=en
https://www.blogger.com/blog/post/edit/3529210830536827925/5902099886303602440?hl=en
https://www.blogger.com/blog/post/edit/3529210830536827925/4929129389294404283?hl=en
https://www.blogger.com/blog/post/edit/3529210830536827925/797100785666286568?hl=en
https://www.blogger.com/blog/post/edit/3529210830536827925/559979136670869894
#पंछी(Birds)
#BIRDS
#BOOK
#किताब(BOOK)
#BOOK POEN
#BOOK THOUGHT
#सड़क(ROAD)
#तकिया(Pillow)
#नशा एक ढोंग(INTOXICATION IS A SHAM)
#नशा,
#nasha,
#nasa mukti prerna,
#डाटा,
#डाटा की जानकारी,
#सोशल मीडिया(Social media),
#कंप्यूटर,
#कंप्यूटर पर जानकारी,
कंप्यूटर पर कविता,
#अध्यात्मिक,
#भगवान पर कविता,
#ईश्वर
#पढाई,
#पढाई याद करने का तरीका,
#पढाई की समस्या,
#hindi kavita motivational,
#सुविचार कविता हिंदी में,
#कविता हिंदी में लिखी हुई,
#12 लाइन की कविता हिंदी में
#4 लाइन की कविता हिंदी में
#8 लाइन की कविता हिंदी में
HANDI KAVITA PANE KE LIYE,
प्रत्येक दिन नया देखने के लिए
Comments
Post a Comment