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knowledgeable poem & thoughts in hindi

मेरी दृढ़ सोच "भगवान" (My strong thinking"God")

आज तो सभी हवाई दौड़ी। आज तो सभी नजरे दौड़ी।।                           सबकी नज़रें आज अपने कर्मों,                          का हिसाब मांग रही है।                          सब आज अपनी मेहनत,                          का हिसाब मांग रही है।। कोई कहता काम महान, कोई कहता ईश्वर महान। कोई कहता इंसान महान, कोई कहता, न तू महान न मैं महान, केवल और केवल समय महान।।                           बोलो ईश्वर किसकी मांनु मैं।                          बोलो मेरे नाथ किसको जानू मैं।। मैं तो बस तेरा नाम जानता हूं। मैं तो बस एक रेन-बसेरा काटना चाहता हूं।।                           मेरी भी सुन हे भगवान।                          तू ही महान तू ही महान।।                                       धन्यवाद आपका दिल से .                                            (WRITTEN BY ALOK DAKSH)                                  please like, share & visit this page and lines. https://www.blogger.com/blog/post/edit/3529210830536827925/4018120361606682302?hl=en ☺ #संसार का सबसे महान कष्ट "दुःख" #मातृ दिवस विशेष  #मेरी तुच

संसार का सबसे महान कष्ट "दुःख"

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                   संसार में रात अच्छी होती है, कि दिन, पता नहीं लेकिन चारों ओर दु:खों की गोधूली बेला बिखरी हो तो दिन ही अच्छा लगता है क्योंकि दिन में कोई ना कोई तो खरी खोटी सुनाने आ ही जाता है जबकि कमबख्त रात में तो नींद भी दु:ख को हरने के लिए नहीं आती।                 संध्या तो सबसे बची रहती है क्योंकि संध्या के पास न तो खोने के लिए दिन है और ना ही बचाने के लिए रात, तो बेचारी करें भी तो क्या?                  संसार तो दिन में पैसा रात में कल की चिंता लिए परेशान है। दु:ख भी उसी एक निर्गुण रूप में सहायक है। बेचारा दुख भी क्या करें, सुख का एहसास दिलाने को अपने कुछ चक्की में चने के घुन के जैसे पटक रहा है, जबकि दोष इस सुख का ही है जो सबसे लुकाछिपी पानी के शरबत में शक्कर की तरह खेल रहा है और दुख को बदनाम कर रहा है। संसार भी पूर्णिमा की उजियारी को खूब मस्ती करता है और जैसे अमावस्या की काली रात आती है तब फिर पूर्णिमा की तारीफ करता है और अमावस्या अच्छा प्रभाव डाले इस फिराक में ईश्वर का ध्यान करता है और ईश्वर भी कहता अगर दु:ख न आता तो संसार को मैं भी याद ना आता तो अच्छा है कि संसार को मेरे नाम

मेरी तुच्छ इच्छा(My Insignificant Wish)

सबका भला करे भगवन, सबका मनचला करे भगवन,                     सब रहें एक-दूसरे की भलाई में,                      सब बोले बम-बम सबकी भलाई में, यही है कामना मेरी, न हो किसी को कामना घनेरी,                     क्योंकि इच्छाओ का अंत नहीं,                      इच्छाओ में ही भगवंत छूटा सही, करे कल्याण ईश्वर सबका, रहे सब, सबसे अच्छा,                     रहे सबका ध्यान शिक्षा, नीति एवं ईश्वर में,                      सबका ध्यान हो प्रत्येक गतिविधियों में, जो सुख है ज्ञानी के ज्ञान में, नहीं है मूर्ख के ध्यान में,                   मैं तो हु बहुत बड़ा अज्ञान,                      गलती हो तो छोटा समझ हटा देना ध्यान, सबका भला करे भगवन, सबका मनचला करे भगवन.                                        धन्यवाद आपका दिल से .                                           (WRITTEN BY ALOK DAKSH)                                  please like, share & visit this page and lines. ☺ #मातृ दिवस विशेष  #मेरी तुच्छ इच्छा(My Insignificant Wish) #"मेरी प्यारी माँ"("My Dearest Mother") # Mother's d

"मेरी प्यारी माँ"("My Dearest Mother")

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  https://www.blogger.com/blog/posts/3529210830536827925?hl=en ईश्वर के स्वरूप का ज्ञान है माँ, धरती पर अनदेखे ईश्वर का नाम है माँ, प्रकृति का उपहारों में सर्वश्रेष्ठ उपहार है माँ, जीवन में एकमात्र कर्जदार रहूँगा तेरा माँ,                     तुमने बहुत कष्ट झेले,                     खूब ठोकरें तुमने खायीं,                     पर मैं(हम) आज भी बड़े निठल्ले,                     की दर्द का एक प्रतिशत भी समझ न आयी, तुमने दिन रात जागकर, हमको सुलाया माँ पर मैं पास न बैठा आकर, तेरे बराबर ज्ञान आज भी न पाया दूर जाकर, आज फिर खड़ा हूँ तेरे ही पास माँ, आकर.                                              धन्यवाद आपका दिल से .                                           (WRITTEN BY ALOK DAKSH)                                  please like & share this page and lines.   ☺ #मातृ दिवस विशेष  #"मेरी प्यारी माँ"("My Dearest Mother") # Mother's day Special #प्रकृति का खूबशूरत उपहार "आंखे"(Nature's beautiful gift "Eyes") # एक समझदारी वाली "बात"(A Se

प्रकृति का खूबशूरत उपहार "आंखे"(Nature's beautiful gift "Eyes")

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https://www.blogger.com/blog/posts/3529210830536827925?hl=en आंखों का पूरा सत्य कोई नहीं जानता,  आंखे, होती कुछ देखती कुछ बताते समय जानता,                      आंखें ईश्वर की सबसे सुंदर संरचना,                     क्योंकि प्रकृति की सुंदरता देखती आंखों की संरचना,  रचनात्मक कलाएं आंखें ही बताएं, आंखें निगाहों में ही तो सब बात बताएं,                     लोग कहें आंखें देखे पेट खाएं परिणाम पीठ तक आए,                     करनी का परिणाम जीवन में कहीं भी पीछे पीछे आए,  प्रकृति एक शीशे से के समान कार्य करती है, आप सीसे से एक किरण गुजारेंगे वापस आप तक जरुर आती है,                     यही आंख का भी वही कमाल है,                     लोगों की सुंदरता आंख के साथ विचारों का भी कमाल है,  कहते हैं विचाराधीन विचारहीन किसी काम का नहीं, उसी प्रकार जिस प्रकार आंखों के बिना शिक्षा का ध्यान नहीं,                      लोग आंखें दिखाकर ही अपने डर को प्रकट करते,                      ऑंखें ही है जो अपने आंसुओं को दुख में प्रकटते,  दिखे साधारण होते साधारण कार्य, पर होते निराले जब होते सब परिपूर्ण कार्य.        

हमारी सबसे बड़ी कमजोरी "अज्ञानता" (Our biggest weakness "Ignorance")

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आज के परिवेश में बिना शिक्षा के, दो कदम दूभर इस शिक्षा के परिवेश में,                     बिना कारण लोग मां बाप को भी भूलते,                     आज लोगों का स्वार्थ है जो बच्चों को स्कूल भेजते, अज्ञानी, ज्ञानी से ज्यादा अपेक्षाएं कर डालता, कहीं दूर नहीं माता-पिता ही बच्चे को करें पराया,                     सबसे पहले बच्चे अगर गलती करते,                     तो बाहरी कम अपने ही गहरा आघात करते, अज्ञानता सच में मैं लोगों को एहसास कराती, जैसे लोग अपने-अपने को ही आपस वापस झगड़ा कर डालती,                     जीवन का संघर्ष बिना ज्ञान और न बढ़ता,                     जैसे हर एक नई तकनीक कारीगर के लिए समस्या बनता, जीवन में जितना सरल एक शिक्षित आदमी को समझाना, उतना ही सरल है अशिक्षित के आगे मूर्ख बन जाना,                     समस्या भी भरपूर है अगर समझना है समाज,                     तो अपने को करें पूरी तरह से आजाद, जीवन की कड़वी सच्चाई बिना संघर्ष ना मिले अंगड़ाई, संघर्ष 5 साल से शुरू हो जाता शिक्षक जारी कराता पढ़ाई.                                                धन्यवाद आपका दिल से .            

एक समझदारी वाली "बात"(A Sensible "Thing")

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कड़वा फल मीठा संदेश दे जाता, सब फल को चीख चीख कर खाना सिखाता,  एक खराब के पीछे होती सबकी डांट,  फिर भी समझ ना आता गलती किसकी बेबाक,                     हमको हमेशा नयी ऊंचाई एक मिल जाती,                     हम चढ़े एक सीढ़ी परंतु हमको छत दिखलाई जाती,                      हम तो संघर्ष को भी अपना मित्र ही बना लेते,                     पर क्या करें जिम्मे दारी ने अपनी ओर खींच दिखा दी,  हम अपने को सबसे अच्छा साबित करने में, आज पड़े हैं अपने ही राज को समेटने में, हम तो सबको नसीहत में अपना ज्ञान बताया करते,  पर आज देखा तो अपना ही ज्ञान बहुत ही कम समझा करते.                                                धन्यवाद आपका दिल से .                                           (WRITTEN BY ALOK DAKSH)                                 please like & share this page and lines.                                     # एक समझदारी वाली "बात"(A Sensible "Thing") # गर्व से कहो हम सब भारतीय एक  हैं  #भारतीय सैनिक(Indian Army) #धर्म(Religion) #संघर्ष (Struggle) #A Very Essential item "Clot